Mutual Fund in Hindi and Types Of Mutual Funds in Hindi म्यूचुअल फंड क्या है और इसकी पूरी जानकारी भारत में म्यूचुअल फंड का इतिहास म्यूचुअल फंड के प्रकार यह किस प्रकार काम करता है इसमें किस तरह से निवेश करने पर लाभ प्राप्त होता है कौन-सा म्यूचुअल फंड किस काम में उपयोग होता है और कितने समय अंतराल के लिए उपयोग किया जाता है और कितना लाभ प्राप्त होता है इन सब की पूरी जानकारी आपको इस पोस्ट पर मिल जाएगी।
Mutual Fund In Hindi म्यूचुअल फंड क्या है
निवेशकों के द्वारा बड़ी तादाद में जमा की गई राशि को ही म्यूचुअल फंड कहते हैं जिसेेेे एक फंड में डाल दिया जाता है। आसान शब्दों में कहां जाए तो Mutual Funds बहुत सारे लोगों केे पैसों से बनाा हुआ फंड होता है। जिसमें लगाए गए पैसे को अलग-अलग जगह पर निवेश करने केेे लिए इस्तेमाल कियाा जाता है और उनकी कोशिश रहती है कि निवेशकों को उनके लगाए गए पैसों में से ज्यादा से ज्यादा रकम की मुनाफा कराया जा सके। Fund को सही जगह पर प्रबंधित करने का काम एक पेशेवर व्यक्ति द्वारा किया जाता है। जिसे Professional Fund Manager कहा जाता है।
Professional Fund Manager का काम निवेशकों के द्वारा लगाए गए पैसों को पैसों को सही जगह पर उपयोग करके निवेशकों को अधिक मुनाफा प्राप्त करवाना होता हैै।
Contents
History Of Mutual Fund In India (भारत में म्यूचुअल फंड का इतिहास)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारत सरकार की पहल पर भारत पर यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के गठन के साथ भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग 1963 में शुरू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य था छोटे निवेशकों को आकर्षित करना और उन्हें निवेश तथा बाजार से सम्बंधित विषयों से अवगत कराना।
UTI का गठन संसद के एक अधिनियम के तहत 1963 में किया गया था। इसकी स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की गयी थी और शुरूआती समय में इसने RBI के अंतर्गत काम किया। 1978 में UTI को RBI से अलग कर दिया गया। भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) को आर.बी.आई के स्थान पर विनियामक (Regulatory) और प्रशासनिक नियंत्रण (Administrative control) का अधिकार मिला और UTI ने इसके अंतर्गत काम करना शुरू किया।
Dividend History of Mutual Fund
भारत में Mutual Funds के विकाश को कई चरणों में बांटा जा सकता है जैसे की पहला चरण 1964 से 1987 तक का था जिसमे UTI के पास 6700Cr ₹ का fund आ चूका था।
History of sbi Mutual Fund
इसके बाद 1987 से दूसरा चरण शुरू होता है इसमें public sector फण्ड की entry शुरू हुयी. इस समय में बहुत सारे बैंको को Mutual Funds बनाने का मौका मिला। SBI ने पहला NONUTI mutual fund बनाया।
दूसरा चरण 1993 में खत्म हुआ पर दूसरा चरण के खत्म होते होते AUM यानी की Assets under management ₹6700Cr से कहीं ज्यादा बढ़कर ₹47004CR हो गया। इस चरण में निवेशकों के मध्य म्यूचुअल फण्ड में काफी उत्साह देखने को मिला।
Private Sector Mutual Fund
तीसरा चरण 1993 से शुरू हुआ जो की 2003 तक चला। इस चरण में private sector funds को मंजूरी मिली। इसी चरण में निवेशकों को Mutual Funds के ज्यादा विकल्प मिले । इस चरण का अंत 2003 में हुआ।
Uti Mutual Fund
चौथा चरण 2003 से शुरू हुआ जो अब तक चल रहा है। 2003 में UTI को दो अलग चरणों में बाँट दिया गया। पहला SUUTI और दूसरा UTI mutual fund जो की SEBI MF के नियमो के अनुसार काम करते थे। 2009 की आर्थिक मंदी का असर पूरी दुनिया पर पढ़ा। भारत में भी निवेशकों का काफी नुकसान हुआ। इससे लोगों का भरोसा म्यूचुअल फंड्स से थोडा सा कम हुआ. पर धीरे धीरे ही सही यह उद्योग वापस पटरी पर आने लगा। 2016 में AUM ₹15.63 trillion हो चूका था। जो की अब तक का सबसे ज्यादा था। निवेशकों की संख्या लगभग 5 CR के ऊपर हो चुकी है और हर महीने लाखों नए निवेशक जुड़ रहे है। यह चरण म्यूचुअल फंड्स के लिए सुनहरा साबित हुआ है।
Mutual Fund and types
म्यूचुअल फंड को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है
1. संरचना के आधार पर
2. Asset के आधार पर
Mutual Fund Types in Hindi
1. संरचना के आधार पर Mutual Funds के प्रकार
A. Open Ended Mutual Funds
इस योजना में निवेशकों को किसी भी समय पर Funds खरीदने और बेचने की अनुमति होती है। इसमें कोई निश्चित समय या निश्चित अवधि नहीं होता है।
B. Close Ended Mutual Funds
इस योजना में निवेशकों को एक निर्धारित समय मिलती है और निवेशक एक निर्धारित अवधि परी फंड्स खरीद सकते हैं। इस तरह के फंड्स को शेयर मार्केट में भी शामिल किया जाता है।
C. Interval Funds
इस प्रकार का फंड open ended funds और close ended funds के साथ मिलकर बना है और इसमें दोनों की सुविधाएं भी मिलती है। यह निवेशकों को पूर्व निर्धारित समय पर कारोबार करने का अनुमति प्रदान करता है।
2. Assets के आधार पर Mutual Funds के प्रकार
A. Debt Funds
इस प्रकार के फंड्स में निवेश को को जोखिम बहुत कम होता है। निवेशक डिबेंचर्स, सरकारी बांड और अन्य निश्चित आय में निवेश करते जो पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं।Debt Funds निश्चित आय Return प्रदान करते हैं।
B. Liquid Mutual Funds
यह कम समय के लिए ऋण उपकरणों में निवेश करने के लिए उपयोग किया जाता है और यह सुरक्षित भी होता है।
C. Equity Funds
इसका उपयोग दीर्घकालीन लाभ पाने के लिए ज्यादा किया जाता है। इस फंड का उपयोग Share Market में होता है। इस तरह के फंड में जोखिम भी होता है और इन से मुनाफा भी अधिक कमाया जा सकता है।
D. Money Market Funds
इस तरह के फंड्स का उपयोग कम अवधि के लिए किया जाता है और इसमें अधिक Return भी मिलता है। इसका उपयोग सुरक्षित जगह पर किया जाता है।
E. Balanced Mutual Funds
इस तरह के फंड को स्कीम में Debt Funds और Equity Funds का मिला-जुला फायदा मिलता है। इस प्रकार के म्यूचुअल फंड को Debt Funds और Equity Funds पर ही निवेश किया जाता है। इस प्रकार के फंड निवेशकों को आय में स्थिरता भी प्रदान करती है और आय में गति भी प्रदान करती हैं।
Conclusion
आपको इस पोस्ट में Mutual Fund in Hindi and Types Of Mutual Funds in Hindi के बारे में सारी जानकारी दी गई है। आशा करता हु की आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी।
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